ये भारत की जनता है - Jitender Dahiya Halalpuria

ये भारत की जनता है

यहाँ हर कोई वक्ता अच्छा है हर कोई विश्लेषक है..
यहाँ हर व्यक्ति में अति ज्ञान की हर कोई उपदेशक है..
जो गाँव शहर से निकले नहीं वो विदेश नीति के ज्ञाता है
कभी पुस्तक कोई पढ़ी नहीं वो संविधान में कमी बताता है..
यहाँ अज्ञानी मानुस समझा दे बातें अर्थशास्त्र की..
कोई कहता मैं सब कुछ बदलूँ मिले कमान जो राष्ट्र की
समय नहीं मतदान का भीबस बातों से क्या बनता है..

ये भारत की जनता है..

कोई भारत से आज़ादी मांगे कॉलेज के गलियारों से
कोई मानवता दिखलाता है मानवता के हत्यारों से..
कोई वंचित आज भी दिखता है अपने मौलिक अधिकारों से
कोई सारा भारत लूट रहा है हाथ मिला सरकारों से
यहाँ खुद संघर्ष को उठने वाला बामुश्किल कोई हाथ है..
सब कहते तुम संघर्ष करो हम सब आपके साथ है..
फांसी चढ़ना आसान नहीं हर कोई भगत सिंह बनता है

ये भारत की जनता है..

कोई भेष बनाकर साधू का यहाँ चाक़ू रखता झोले में..
कोई बड़े बड़े अपराध करें यहाँ नाबालिग के चोले में
कोई ढोंगी गुरुओं को पूजे और बात सुने ना सच्चे की..
कोई बच्चे खातिर बलि चढ़ा दे और किसी के बच्चे की.
कोई कोख में बच्ची मरवाता कुछ किस्मत वाली पलती है ..
कोई हैवानों की भेंट चढ़े कुछ धन लोभ में जलती है..
कोई कितने पाप किये मैंने ये कहकर सीना तनता है..

ये भारत की जनता है..

कोई कुरान बाईबल को पूजे और कुछ का रस्ता वेद है
कहीं प्रातों की सीमा अड़ती कही भाषा का मतभेद है
कहीं जात पात की मची लड़ाई कहीं पानी पर तकरार है
कहीं आतंकी की मौत पे जनता मरने को तैयार है.
कहीं नित दिन शोषण होता है निर्धन के अरमानों का
कहीं कोई फाँसी झूल गया देखा हाल किसानों का
कोई समझा दे सब धागे मिलकर ही तिरंगा बनता है

ये भारत की जनता है
ये भारत की जनता है


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