कसूत समाचार मै बतावा गे अक क्यों एंडी स म्हारा हरियाणवी होक्का: पुराणे टेम त ए 'होक्का' हरियाणवी संस्कृति में आपणी शान ले रया स। प्रदेश के गामा में 'होक्का' गाम के बडे बुडया की जान होया करे। या बात कहणी तो मूश्कल स के होके का जन्म कद अर कड़े होया,, फेर भी जड़े तक बेरा पाटया स यो कीते ना कीते म्हारी आस्था और संस्कारा की भी निशानी रहया स म्हारा होक्का
ऊ तो धुम्मा गात म नूकसान करे स फेर भी म्हारे हरियाणा मे होक्का भाईचारे की शान माना जावे स।अंताजा लाया जावे तो माणस की जिंदगी की पहली सच्चाई ,आग,हवा, पानी अर आखर मे भी इन्हे हवा, आग पाणी मे मिल जा स जो म्हारे होक्के मे पाई जा स।
आए गए माणस ने जब तक होक्का ताजा ना करके प्यावे वो आपणी बेइज्जती महसूस करा करे। सौ का जोड़ यू स 'होक्का' मान-सम्मान की निशानी स। आपस के रौले रबदे ने भूल क होक्का पीण बैठ जाणा आम बात स म्हारे हरियाणे मे मतलब के यो म्हारे भाईचारे की निशानी स। किसे की खुशी और गम की पहल और आखर 'होक्के' के बिना अधूरी स। 'होक्के' के चाेगरदे ने बैठके घर गाम के सारे रौला प बात होया करे।
साची-झूठी जाणण खातर होक्के का नेम भी ठवाया करे।खोटल अर गाम के रीती रिवाजा ने तोड़न आले माणस का होक्का पानी बंद कर दिया करे म्हारे बडे बूडे। किसे साच्ची बात का बेरा पाड़न खातर माणस का हाथ होक्के प धरवा क नेम भी खवाया जाया करे। यो भी एक कारण स के होक्का गामा म पंचायत की शान होया करे।
पहलआ होक्के माटी अर लाकड़ी के बनाये जाया करदे,आज काल तो लोह और पीतल के घणे चाल पड़े। माटी अर लाकड़ी आले होक्के में पानी घणी देर तक ठंडा रहया करता , मतलब पाणी बार बार बदलण की जरुरत ना पड़या करदी। होक्के प धरी होई चिलम में तंमाखू घालके उस प माटी की एक तई या ठेकर धरके आग धरा करे। अर गर्म होये पाछे तंमाखू सीलगे पाछे धुम्मा पाणी मे क फीलटर होके खीचंण आली नाली मे को बाहर आया करे ।जिसते धुम्मे मे जो निकोटीन होया करे वो माणस के गात मे नूकसान ना करता ।
होक्के का देसी तंमाखू बहोत मेहनत त तैयार होया करे। तंमाखू के पेड़े ने सुखाके कुट क अर फेर उसमे गूड़ मिलाया जाया करे गूड़ त निकोटीन त जो गात मे नूकसान होवे उसने कम करण खातर मिलाया करे। थोड़ा तंमाखू घाले त घणी देर चाल्या करे होक्का। ज्याते म्हारे बुढे कहया करे 'घालो पूणा, आवे दूणा'। गामा मे तो सवेरे त लेके सांझ तक माणस ने चाहे एक टेम रोटी ना ठयाओ पर होक्का पिणीया होक्के बिना नही रह सकदा।
आजकाल तो कुछ रहया नही पर ज पहल्या की बात करी जावे तो लूगाई होके त भी घूंघट करा करती म्हारी दादी ताई बताया करे के होक्का धरया हो और चाहे कोए माणस ना हो पर नू रहया करता के होके धोरे कोए ना कोए जरुर पावेगा तो वे ओल्हा कर लिया करती।
जब होक्के का पाणी बदलणा होया करता तो इतनी इज्जत थी उस पाणी की के किसे खास जगहा प वो पाणी खाली करया करतो के किसे का पैर ना लागे पाणी के। पर भाई आजकाल के टेम ने देख्या जा तो म्हारे होक्के का मजाक बण रया स
पीणीये घणे होगे पर पीणा कोन्या आता ।
कोए हिसाब किताब कोन्या रहया।
बड़े छोटे की शर्म ना रही कम उम्र के बालक ज्यादा जोर दे रे स।
लिखण आला : सतीश खत्री
ऊ तो धुम्मा गात म नूकसान करे स फेर भी म्हारे हरियाणा मे होक्का भाईचारे की शान माना जावे स।अंताजा लाया जावे तो माणस की जिंदगी की पहली सच्चाई ,आग,हवा, पानी अर आखर मे भी इन्हे हवा, आग पाणी मे मिल जा स जो म्हारे होक्के मे पाई जा स।
घर का सुथरा ब्योत और इज्जतदार घर की निशानी होया करे होक्का।
हरियाणे के गामा मे आग और पानी ने देवता कहया करे और म्हारे होक्के मे इन दोनूआ का वास होया करे तो समझदार माणस तो इसकी इज्जत करा करे। 'होक्के' की आपनी एक न्यारी मान मर्यादा होया करे। 'होक्के' पीण अर भरण के भी अपने नियम अर कानून होया करे। मौजूद माणसा में सबते कम उम्र आला या जिसके जा रे सा वो ए होक्या भरया करे अर सबते बडी उम्र का माणस पहली घूंट मारया करे।आए गए माणस ने जब तक होक्का ताजा ना करके प्यावे वो आपणी बेइज्जती महसूस करा करे। सौ का जोड़ यू स 'होक्का' मान-सम्मान की निशानी स। आपस के रौले रबदे ने भूल क होक्का पीण बैठ जाणा आम बात स म्हारे हरियाणे मे मतलब के यो म्हारे भाईचारे की निशानी स। किसे की खुशी और गम की पहल और आखर 'होक्के' के बिना अधूरी स। 'होक्के' के चाेगरदे ने बैठके घर गाम के सारे रौला प बात होया करे।
साची-झूठी जाणण खातर होक्के का नेम भी ठवाया करे।खोटल अर गाम के रीती रिवाजा ने तोड़न आले माणस का होक्का पानी बंद कर दिया करे म्हारे बडे बूडे। किसे साच्ची बात का बेरा पाड़न खातर माणस का हाथ होक्के प धरवा क नेम भी खवाया जाया करे। यो भी एक कारण स के होक्का गामा म पंचायत की शान होया करे।
पहलआ होक्के माटी अर लाकड़ी के बनाये जाया करदे,आज काल तो लोह और पीतल के घणे चाल पड़े। माटी अर लाकड़ी आले होक्के में पानी घणी देर तक ठंडा रहया करता , मतलब पाणी बार बार बदलण की जरुरत ना पड़या करदी। होक्के प धरी होई चिलम में तंमाखू घालके उस प माटी की एक तई या ठेकर धरके आग धरा करे। अर गर्म होये पाछे तंमाखू सीलगे पाछे धुम्मा पाणी मे क फीलटर होके खीचंण आली नाली मे को बाहर आया करे ।जिसते धुम्मे मे जो निकोटीन होया करे वो माणस के गात मे नूकसान ना करता ।
होक्के का देसी तंमाखू बहोत मेहनत त तैयार होया करे। तंमाखू के पेड़े ने सुखाके कुट क अर फेर उसमे गूड़ मिलाया जाया करे गूड़ त निकोटीन त जो गात मे नूकसान होवे उसने कम करण खातर मिलाया करे। थोड़ा तंमाखू घाले त घणी देर चाल्या करे होक्का। ज्याते म्हारे बुढे कहया करे 'घालो पूणा, आवे दूणा'। गामा मे तो सवेरे त लेके सांझ तक माणस ने चाहे एक टेम रोटी ना ठयाओ पर होक्का पिणीया होक्के बिना नही रह सकदा।
आजकाल तो कुछ रहया नही पर ज पहल्या की बात करी जावे तो लूगाई होके त भी घूंघट करा करती म्हारी दादी ताई बताया करे के होक्का धरया हो और चाहे कोए माणस ना हो पर नू रहया करता के होके धोरे कोए ना कोए जरुर पावेगा तो वे ओल्हा कर लिया करती।
जब होक्के का पाणी बदलणा होया करता तो इतनी इज्जत थी उस पाणी की के किसे खास जगहा प वो पाणी खाली करया करतो के किसे का पैर ना लागे पाणी के। पर भाई आजकाल के टेम ने देख्या जा तो म्हारे होक्के का मजाक बण रया स
पीणीये घणे होगे पर पीणा कोन्या आता ।
कोए हिसाब किताब कोन्या रहया।
बड़े छोटे की शर्म ना रही कम उम्र के बालक ज्यादा जोर दे रे स।
लिखण आला : सतीश खत्री
Bahut achi bat likhi he aapne sir
जवाब देंहटाएंBat nyu ki nuve h sari
जी बिल्कुल एकदम सही विस्तार तैं बताया आपने इसकी खतरबहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंBhot bhadiya
जवाब देंहटाएंभाई रै जमा कसूत ।।
जवाब देंहटाएंसतिशे का बहुत बहुत आभार ।।
Aapka koti koti dhanwad
जवाब देंहटाएंvistar se btane k liye����
bhai sahb boht acha btaya apne or 2 cheeeje miss krdi jab hoka ki purani rakh nikalte h to ghr ke bahar nhi nikalte na hi purana pani gate ke age nikalte jab koi mar jata h tab esa krte h baki bhot acha tha sir ji
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