Bachpan - Jitender Dahiya Halalpuria

बचपन का टेम याद आ गया कितने काच्चे काटया करते
आलस का कोए काम ना था भाजे भाजे हांड्या करते ।
माचिस के ताश बनाया करते कित कित त ठा के ल्याया करते
मोर के चंदे ठान ताई 4 बजे उठ के भाज जाया करते ।

ठा के तख्ती टांग के बस्ता स्कूल मे हम जाया करते
स्कूल के टेम पे मीह बरस ज्या सारी हाना चाहया करते ।
गा के कविता सुनाके पहड़े पिटन त बच जाया करते 
राह म एक जोहड़ पड़े था उड़े तख्ती पोत ल्याया करते ।

"राजा की रानी रुससे जा माहरी तख्ती सूखे जा" कहके फेर सुखाया करते ,
 नयी किताब आते ए हम असपे जिलत चड़ाया करते ।
सारे साल उस कहण्या फेर ना कदे खोल लखाया करते 
बोतल की खाते आइसक्रीम हम बालां के मुरमुरे खाया करते ।

घरा म सबके टीवी ना था पड़ोसिया के देखन जाया करते
ज कोए हमने ना देखन दे फेर हेंडल गेर के आया करते ।
भरी दोफारी महस खोलके जोहड़ पे ले के जाया करते 
बैठ के ऊपर या पकड़ पूछ ने हम भी बित्तर बड़ जाया करते ।

थैली के पतंग बनाया करते कदे थैली नै ऐ उड़ाया करते..
एक लंगर लेके तयार रहवै पतंग नीचे नै ऐ लड़ाया करते..
साँझ ने खेलते लुहकम लुहका कदे आती पाती खेलया करते,
कदे चंदगी की कदे चंदरभान की डांटा न हम झेलया करते ।
बुआ आर काका भी माहरे खूब ए लाड़ लड़ाया करते 
जब होती कदे पिटाई त बाबू ध्होरे छुड़वाया करते ।

खेता कहण्या जा के फेर नलके टूबेल पे नहाया करते 
चूल्हे ध्होरे बैठ के रोटी घी धर धर के खाया करते ।
होती फेर सोवन की तयारी दादा दादी कहानी सुनाया करते ,
 बिजली त कदे आवे ना थी बस बिजना हलाया करते ।

हल्की हल्की सी हवा लागती हमते फेर सो जाया करते ,
तड़के न जब आँख खुलती सारे ऊट्ठे पाया करते ।
दूसरी खाटा के गुददड़े बत्ती सीले से पाया करते 
छोड़के अपनी खाट न दूसरी पे हटके सो जाया करते ।

तू सोचे था दहिया मौज सारी बस बड़ा होके होवे है..
फेर इब भला क्यूँ पछतावे अपने बचपन नै टोहवे है..



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