Maa - Jitender Dahiya Halalpuria

लाख कमी हो बालक मै जो फेर भी लाड लड़ावैगी..
सारे रिश्ते देख लियो ना माँ जिसी कोए पावैगी...

खुद जागी वा सारी रात तू मीठी नींद सुवाया था...
खुद पड़ी रही वा आले मै तू सुके मैं लुटाया था...
कदे झुलाया पालणे मै कदे गोदी मै ठाया था..
कदे ला लिया छाती कै कदे अपणा दूध पिलाया था...

जै इब भी हम सो जया गर्मी मैं माँ हवा हांकती पावैगी...
सारे रिश्ते देख लियो ना माँ जिसी कोए पावैगी...

कर याद टैम वो बचपन का जिब तनै माँ नहवाया करती...
पकड़ कै तेरे मुँह नै हाथ मै तेरे बाला नै बाह्या करती..
करके तैयार खवा कै खाणा स्कूल मै छोडण जाया करती..
तू भाज्या रहता आगे आगे माँ बस्ते नै ठाया करती..

माँ के आँचल मै करी मौज ना कदे भुलाई जावेगी..
सारे रिश्ते देख लियो ना माँ जिसी कोए पावेगी..

हो गया इब थोड़ा तू बड़ा अपणी चलावण लाग्या..
अपणी मर्ज़ी तै कितै भी इब आवण जावण लाग्या..
"कित जावे है ,कित तै आया" तै तू छो मै आवण लाग्या..
"अड़े ऐ हूँ ,अड़े ऐ था" मै साची बात लुहकवाण लाग्या..

जिब तेरे भी बालक हो ज्यांगे तेरे बात समझ मै आवेगी..
सारे रिश्ते देख लियो ना माँ जिसी कोए पावेगी..

चाहे पढ़ण चाहे करण नौकरी जिब घर तै बाहर तू जावे है..
"ध्यान तै जाइए बेटा" माँ न्यू कहके रोज़ खंदावे है..
जै थोड़ी देर भी होवे आण मै माँ चिँता मै पड़ ज्यावे है..
"फ़ोन करके भुझियो कित् रह गया" घर क्या तै कहती पावे है..

जिब सारे घर के सो ज्यावै माँ बाट देखती पावेगी..
सारे रिश्ते देख लियो ना माँ जिसी कोए पावेगी..

माँ के दिल नै दुख़ पोहंचे कोए इसा काम कर जाइए मतना..
सदा राखिये आदर मन मै कदे उसपे छो मै आइये मतना..
पढ़ लिखके करके नै मेहनत कितणी भी आगे बढ़ जाइये..
पर इसते बड़ा तीर्थ ना कोए तू माँ की सेवा कर जाइये..

ना तै जिब माँ की छाया उठगी सर तै फेर ""दहिया"" की बात याद तनै आवेगी..
सारे रिश्ते देख लियो ना माँ जिसी कोए पावैगी...


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