रोएगी तू भी एक दिन मुझे याद करके....
याद है के बड़ी जिद्द है तुझे जिद्द लगाने की...
हर किसी से अपनी बात मनवाने की....
मिले कोई तेरे जैसा तुझे बैठे जाए वो भी जिद करके..
रोब किसपे जमाएगी कमर पे हाथ रख के..
नहीं मानेगा जब कोई हर बात तेरी आँखे बंद करके...
रोएगी तू भी एक दिन मुझे याद करके...
पल पल में तेरा रूठना बार बार मनाना मेरा...
छोटी छोटी बात पर कितना सताना तेरा..
उस दिन ये दिल तेरा रह जाएगा टूटके...
दूर दूर रहोगे जब एक दुसरे से रुठके...
नहीं मनाएगा जब कोई बाहों में भरके...
रोएगी तू भी एक दिन मुझे याद करके...
वो जिसकी वफाओ पे अब तुझे एतबार है...
जिसके लिए तू सब कुछ छोड़ने को तैयार है..
जिसके लिए तू सबसे लड़ती है...
जिसको खोने से डरती है...
छोड़ देगा जब हाथ एक दिन दुनिया से डरके
रोएगी तू भी एक दिन मुझे याद करके..
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