जो देश की खातिर हुए शहीद उन माँओ को उन पूतों को ..
हाथ जोड़ कर नमन करें भारत के वीर सपूतों को..
एक वीर भगत सिंह जिसके ऊपर रंग बसंती चढ़ गया था..
कुर्बानी का शौक होया ले बम कचहरी बड़ गया था ..
जिब 23 साल उम्र थी उसकी काम गज़ब का कर गया था..
अंग्रेजी हुकूमत हिलगी जब हँसता फांसी पै चढ़ गया था..
आओ फिर से याद करें उन आज़ादी की रुतों को..
हाथ जोड़ कर नमन करें भारत के वीर सपूतों को..
वो आज़ाद जिसने भारत को क्रांति की राह दिखाई थी..
चाहे जीत या मौत मिलेगी ना हार की बात सिखाई थी..
पूर्ण स्वतंत्रता भारत की जिनके दिल का अरमान था..
एक एक कतरा खून का जिनके भारत पर कुर्बान था..
सर के ताज बराबर समझें ऐसे वीरों के जूतों को..
हाथ जोड़ कर नमन करें भारत के वीर सपूतों को..
वो सुभाष जिसने भारत को आज़ादी दिलवाई थी..
घूम घूम कितने देशों में फ़ौज आज़ाद बनायीं थी..
जब आज़ादी के लिए देश से खून आज़ाद ने माँगा था..
ना जाने कितनो ने ग्रहस्थी की दीवारों को लांघा था..
एक आवाज़ तलवार थमा दे जिनकी सालों से सुतों को..
हाथ जोड़ कर नमन करे भारत के वीर सपूतों को..
इस देश की खातिर ना जाने कितने वीर सपूत बलिदान हुए ..
कुछ गुमनामी में चले गए कुछ युवाओं के परिधान हुए..
कुछ वाहन के पीछे फोटो इनका छपवा के इतराते है..
कुछ करके नशा खुद को फैन भगत सिंह का बतलाते है..
छोड़ दिखावा याद करो उस इंकलाब की बोली को..
हाथ जोड़ सब नमन करों उन वीरों की टोली को..
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jitna cho tere ib uth rhya sa utna mhare me sari han rh se ali post krna
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