Nafrat aale bol - Kavi Inderjeet

एक गीत उन गीतकारां के नाम जो अपणी कलम का गलत इस्तेमाल करकै
इस प्रदेश की संस्कृति और भाईचारे का नाश ठाण लाग रे सैं

नफरत आले बोल लिखो तम
बाता नै बिना तोल लिखो तम
बोल्ली का उड़ा मखोल लिखो तम, सहम बुराई छा ज्यागी
कलम की ताकत नै समझो तम कलम चलाणी आज्यागी

उल्टे सीधे बोल्ला पै नाच्चै सै ऊत लुंगाड़े रै
छोट्टी छोट्टी छोरी मटकै करकै गात उघाड़े रै
बात करै हथियारा की ये करते दिक्खै कबाड़े रै
भूल कै घर कुणबे की ईज्जत बणे दारु के लाड़े रै
बणी ओपरी हवा प्रदेश की रीत पुराणी खाज्यागी
कलम की ताकत नै समझो तम कलम चलाणी आज्यागी

बहु बेटी पै कंमैट करो के थारे घर मैं बाहण नही
ओढ पहर कै रह्वै बहु पर थारै होती सुहाण नही
संस्कृति सै म्हारी निराली तमनै करी पिछाण नही
इज्जत आली बात के हो सै तमनै पाट्टी जाण नही
अपणी इज्जत सबकी इज्जत रीत निभाणी आज्यागी
कलम की ताकत नै समझो तम कलम चलाणी आज्यागी

कलम का काम मिलाणा हो सै, कलम तै भेद बढाओ ना
कलम का काम बुझाणा हो सै , कलम तै आग लगाओ ना
कलम तै जहर फैला कै अपणी संस्कृति नै मिटाओ ना
एक दूजे पै फैंक कै किचड़ मां बोल्ली नै लजाओ ना
जात पात के जहर ना घोलो उल्टी कहाणी छा ज्यागी
कलम की ताकत नै समझो तम कलम चलाणी आज्यागी

लैकै सभ्यता औरा की तम के दिखाणा चाहो सो
इज्जत अपणी करकै निलाम के नोट कमाणा चाहो सो
उल्टी सीधी हरकत करकै नाम चमकाणा चाहो सो
भाईचारे नै तोड़ प्रदेश मै लठ बजवाणा चाहो सो
इन्द्रजीत करैगी नाश जब हवा बिराणी आज्यागी
कलम की ताकत नै समझो तम कलम चलाणी आज्यागी

कवि इन्द्रजीत

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