रामपाल तेरी माया म्हारी समझ त बाहर होरी स।
तेरे आगे लाचार या हरियाणा सरकार होरी स।।
साच बता के जादू तन्ने मारया बावले ये लोग होगे।
मरण मारण की खातर तैयार तावले ये लोग होगे।
तू भीतर बैठा मौज ले रहा बाहर चीख पुकार होरी स।।
तेरा किमे जाना नहीं ये निर्दोष लोग मारे जावेंगे।
ये जनानी और बालक तन्ने कद तलक बचावेंगे।
बिरबाणियाँ की आड़ ले रहा या कायराँ आली कार होरी स।।
जै आपणी जगाहं सही स तू त फेर क्यूँ छिपता फिरे स।
तन्ने किमे खोट ना कर राख्या त क्यां नाम का डरे स।
उतना तू दोषी बनता जारया जितनी वार होरी स।।
कह गुरु रणबीर सिंह चंदा कै लाये त स्याही लागे कोणी।
जो मानस खोट में ना हो वो तेरे ज्यूँ पुलिस त भागे कोणी।
साच लिखण नै ""सुलक्षणा"" की कलम तैयार होरी स।।
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