झूठा झगड़ा स हिन्दू सिख मुसलमान का

झूठा झगड़ा स हिन्दू सिख मुसलमान का।
मेरा देश तो स जवान और किसान का।।

देश की रक्षा धर्म जवान का जाणे कोणी ये धर्म जात नै।
हाम सोवाँ चैन त जवान जागें पहरे प आधी रात नै।
देश की खातर मरें मारें ये जवान काबू कर जज्बात नै।
आंगली जो ठावे देश प एक पल में काट देवें उस हाथ नै।
सुने ना फ़रियाद नै जब मुद्दा हो देश की आन का।।
राखें ख्याल ये देश के मान सम्मान का।।

धरती का सीना चीर के किसान अन्न पैदा खूब करे।
उसके पैदा करे अन्न त अमीर गरीब सबका पेट भरे।
जेठ साढ़ की गर्मी में तपे वो पौ माह की ठंड में ठरे।
पाटे लत्ते टूटे लीतर खुद कुनबा किसान का भूखा मरे।
फरकाता फैरे किसान झंडा म्हारी शान का।।
हल छोड़ बंदूक ठा ले जब आवे मौका ठान का।।

कुछ लोगाँ नै मेरा देश धर्म मजहब के नाम प बाँट दिया।
झूठ कोन्या जात पात की बेड़ियाँ में आदमी गाँठ दिया।
ईर्ष्या, द्वेष, नफरत, दुश्मनी के ज़हर त मन आँट दिया।
अपने फायदे खातर अँधेरे कुएं में देश इन नै हाँक दिया।
न्यारा न्यारा छाँट दिया बंटवारा करा हिन्दुस्तान का।।
चाँदी के सिक्कां खातर करें वे सौदा जान का।।

छोड़ के दुश्मनाई सारी सबने भाईचारे त रहना चाहिए।
आपणे देश के बारे में बुरा बचन कदे ना सहना चाहिए।
भेड़ चाल चाल के नै गलत कामा में ना फहना चाहिए।
देश की भलाई खातर नदी ज्यूँ जीवन बहना चाहिए।
""सुलक्षणा"" कहना चाहिए बोल देश के गुणगान का।।

गुरु रणबीर सिंह प लिया ज्ञान गान बजान का।।

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