संदेश

झूठा झगड़ा स हिन्दू सिख मुसलमान का

लोग दिखावा रहग्या जगत में सब झूठी शान दिखावें सं

चाल ताऊ वोट गैरन चालाँ पांच साल में यु मौक़ा आवे स

टूटी सी झोपड़ी में बैठा था वो माथे धर के हाथ

माँ विनती सुन ले विद्या का वरदान दे दे

राम जी तू के कर के छोड़ेगा क्यूँ बिन आई मारे स

हरियाणे में रुक्का पड़ रहा स खबर खखाटे का

किसा बखत आग्या लोग आपणे रित रिवाज संस्कार भूलगे

मेरी माने त पिया जी इब के इस ढ़ालां दीवाली मनाइये

ऋषि मुनियाँ का देश मेरा पाप गर्त में जा लिया

भाइयों सपने में तो चाला होग्या

दर्द यो ऐकली कद तलक सहूँ

बाबु हाथ जोडूं सुं मेरी खातर तू मानज्या